‘समाजवादी पार्टी अपने तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ…’ सपा से निष्कासित विधायक राकेश प्रताप का तीखा हमला

Sandesh Wahak Digital Desk: समाजवादी पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह ने पार्टी नेतृत्व और उसकी नीतियों पर जमकर निशाना साधा। सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में उन्होंने समाजवादी पार्टी को “समाप्तवादी पार्टी” बताते हुए कहा कि पार्टी अब तुच्छ राजनीति के लिए सनातन धर्म और भगवान श्रीराम का भी अपमान करने से नहीं चूक रही है।
‘क्या प्रभु श्रीराम कहना गुनाह है?’
विधायक राकेश प्रताप सिंह ने सवाल उठाया, “क्या प्रभु श्रीराम का नाम लेना आज गुनाह हो गया है?” उन्होंने कहा कि वह सनातन धर्म में जन्मे हैं, और उसी धर्म से जीवन के आदर्श, सेवा और समरसता की शिक्षा पाई है। आज जब वही धर्म राजनीतिक स्वार्थ के लिए अपमानित किया जा रहा है, तो चुप रहना पाप होगा। उन्होंने कहा यदि अपने धर्म, अपने भगवान के लिए बोलना बगावत है, तो हां मैं बागी हूं। मैं हर उस विचारधारा के खिलाफ खड़ा रहूंगा जो सनातन धर्म का अपमान करती है। भगवान, धर्म और शास्त्रों से बड़ा कोई नहीं हो सकता।
“राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहाँ विश्राम…”
जिस सनातन धर्म में मेरा जन्म हुआ, जिसमें मैंने जीवन के आदर्श सीखे, सेवा का भाव पाया, और सभी जाति–मजहब को साथ लेकर चलने की सीख प्राप्त की — उस धर्म के प्रति मेरी निष्ठा अटूट है। यह वही सनातन धर्म है, जिसके अनुयायी इस देश में 120 करोड़ से…
— Rakesh Pratap Singh (@rpsmlagauriganj) June 23, 2025
लोहिया के रास्ते से भटकी सपा: राकेश प्रताप
सपा पर हमला तेज करते हुए राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि एक समय था जब पार्टी डॉ. राममनोहर लोहिया के विचारों का पालन करती थी – वे लोहिया जो रामायण मेले की पैरवी करते थे और श्रीराम को सांस्कृतिक एकता का प्रतीक मानते थे। लेकिन आज वही समाजवादी पार्टी राम मंदिर में दर्शन करने पर अपने नेताओं पर पाबंदी लगाती है, यह वैचारिक पतन नहीं, बल्कि मानसिक दीवालियापन है।
‘पीडीए के नाम पर वोटबैंक की राजनीति’
राकेश प्रताप ने समाजवादी पार्टी द्वारा उठाए जा रहे ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के मुद्दे को भी ढोंग करार दिया। उन्होंने कहा कि यह वही पार्टी है जिसने छत्रपति शाहू जी महाराज नगर का नाम बदलकर अमेठी कर दिया, जो दलित महापुरुषों का अपमान है।
अपने बयान के अंत में विधायक ने लिखा, सपा न विचारधारा में स्थिर है, न आचरण में। वह सिर्फ वोटबैंक की राजनीति करती है और सनातन धर्म विरोधियों के साथ खड़ी है। अब समाजवादी पार्टी, समाप्तवादी पार्टी बन चुकी है। उन्होंने साफ कहा कि मैं सनातन का सिपाही हूं। धर्म पर आंच आएगी, तो मैं चुप नहीं रहूंगा। मैं बोलूंगा, ललकारूंगा और अंत तक धर्म की रक्षा के लिए खड़ा रहूंगा। जय श्रीराम!
Also Read: Lucknow: अंसल API के खिलाफ धोखाधड़ी का 214वां मुकदमा, महिला से 7 लाख रुपये की ठगी, FIR दर्ज