World Homeopathy Day: होम्योपैथिक अपनाएं, जीवन में खुशियाँ लौटाएं- डॉ. एस.के. वर्मा

Sandesh Wahak Digital Desk: फ्रेडरिक सैमुअल हनीमैन की 270वीं जयंती के उपलक्ष्य में विश्व होम्योपैथिक दिवस के अवसर पर लखनऊ के फरीदीनगर स्थित स्पर्श होम्योपैथिक क्लीनिक एवं स्टोर में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ. एस.के. वर्मा ने की।
इस अवसर पर लखनऊ, अयोध्या, बाराबंकी, आगरा एवं हमीरपुर सहित विभिन्न जनपदों से पधारे आयुष चिकित्सकों ने सहभागिता की।
डॉ. वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा, “होम्योपैथी एक समग्र उपचार पद्धति है जो न केवल शारीरिक लक्षणों का उपचार करती है, बल्कि व्यक्ति की जीवनशैली, मानसिक दशा, व्यक्तित्व विशेषताओं और अनुवांशिक प्रवृत्तियों का भी ध्यान रखती है।”
उन्होंने यह भी बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति का इलाज गैर-विषाक्त, अनुकूलनीय और सुरक्षित होता है, जो पारंपरिक चिकित्सा की तुलना में एक प्रभावशाली विकल्प प्रस्तुत करता है। इसके अतिरिक्त यह पद्धति पर्यावरण के अनुकूल और प्राकृतिक स्थिरता की दिशा में भी एक सशक्त कदम है।
कार्यक्रम में यह जानकारी भी दी गई कि विश्व होम्योपैथिक दिवस की स्थापना सैमुअल हनीमैन की स्मृति में की गई थी, जिनका जन्म 10 अप्रैल 1755 को हुआ था। उन्होंने होम्योपैथी की नींव रखते हुए शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया को सक्रिय करने हेतु विशेष रूप से पतले किए गए पदार्थों के उपयोग पर बल दिया था।
इस वर्ष विश्व होम्योपैथी दिवस 2025 की थीम रही- “अध्ययन, अध्यापन और अनुसंधान”, जिसका उद्देश्य इस वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के वैज्ञानिक आधार को और मजबूत करना तथा समाज में इसकी स्वीकार्यता को बढ़ाना है।
इस कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे डॉ. अजीत वर्मा, डॉ. जितेंद्र वर्मा, डॉ. तौसीन खान, डॉ. जितेंद्र बघेल, डॉ. कन्धी लाल पाल, साथ ही फार्मासिस्ट नमन एवं राहुल, और अन्य आयुष चिकित्सक।
इस अवसर पर प्रतिभागियों ने होम्योपैथिक चिकित्सा के प्रचार-प्रसार और अनुसंधान की दिशा में मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया।
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