Health Tips: कई समस्याओं से लड़ने में कारगर हरीतकी

Sandesh Wahak Digital Desk: भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां हैं, जिन्हें आज भी संजीवनी जैसा महत्व दिया जाता है। इन्हीं में से एक है हरीतकी एक ऐसा फल, जो कई बीमारियों से लड़ने की ताकत रखता है और शरीर को भीतर से मजबूत बनाता है।
डर को दूर करने वाली औषधि
संस्कृत में अभया कहे जाने वाली हरीतकी को आयुर्वेद में त्रिफला का हिस्सा माना गया है। चरक संहिता में इसे त्रिदोष नाशक बताया गया है यानी यह शरीर के वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने में मददगार है। हरीतकी का वैज्ञानिक नाम टर्मिनलिया चेबुला है, और यह भारत से लेकर पूरे दक्षिण एशिया में पाया जाता है। इसके फल को सुखाकर चूर्ण, काढ़ा और टैबलेट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
हरीतकी के प्रमुख फायदे
पाचन को बेहतर बनाता है: हरीतकी का नियमित सेवन पाचन शक्ति को मजबूत करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल में सहायक: इसमें मौजूद फ्लेवेनॉएड और एंटीऑक्सीडेंट्स शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है: इसमें विटामिन-C और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व इम्युनिटी बढ़ाने में कारगर हैं।
त्वचा व बालों के लिए फायदेमंद: मुंह के छाले, खांसी, गले की खराश और बालों के झड़ने जैसी समस्याओं में राहत दिलाता है। आंवला और रीठा के साथ उबालकर इससे बाल धोने पर बाल मजबूत बनते हैं।
वजन प्रबंधन में सहायक: यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जिससे वजन संतुलित रहता है।
बवासीर और सूजन में राहत: इसके चूर्ण का प्रयोग बवासीर के लक्षणों को कम करने और सूजन में आराम देने के लिए किया जाता है।
हालांकि हरीतकी एक प्राकृतिक औषधि है, लेकिन इसका इस्तेमाल चिकित्सकीय सलाह के बिना नहीं करना चाहिए, खासकर अगर आपको पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या है।
Also Read: Health tips: गर्मी में रातभर चलाते हैं एसी, तो सोने से पहले जरूर करें ये आसान काम