भारत 2025 में भी दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था, निवेशकों के लिए ‘टॉप पिक’: HSBC

HSBC Report : दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता के बीच भारत 2025 की तीसरी तिमाही (Q3) में भी निवेशकों के लिए एक ‘ब्राइट स्पॉट’ बना हुआ है। HSBC ग्लोबल प्राइवेट बैंकिंग की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू मांग, अनुकूल व्यापार नीतियों और RBI के सहयोगात्मक रुख की वजह से भारत की GDP इस साल 6.2% की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो इसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाता है।
भारतीय शेयर बाजार और बॉन्ड्स पर HSBC का पॉजिटिव नजरिया
HSBC ने अपनी निवेश रणनीति में भारतीय शेयरों (इक्विटी) और सरकारी बॉन्ड्स को लेकर “माइल्ड ओवरवेट” (हल्का सकारात्मक) रुख बरकरार रखा है। बैंक का मानना है कि:
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लार्ज-कैप स्टॉक्स (बड़ी कंपनियों के शेयर) में अच्छी ग्रोथ की संभावना है।
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फाइनेंशियल सेक्टर (बैंकिंग, इंश्योरेंस), हेल्थकेयर और इंडस्ट्रियल सेक्टर में निवेश फायदेमंद हो सकता है।
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स्थानीय मुद्रा (INR) में जारी बॉन्ड्स भी आकर्षक हैं।
“भारत की मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था ने बढ़ाया विश्वास”
रिपोर्ट में कहा गया है कि “भारत की आर्थिक मजबूती, घरेलू खपत और व्यापार में सुधार ने 2025 की दूसरी छमाही के लिए उम्मीदें बढ़ा दी हैं।” HSBC के CIO जेम्स चियो ने बताया कि “वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद, भारत 6.2% की दर से बढ़ेगा और फॉरेन इन्वेस्टर्स का पैसा लगातार आ रहा है।”
निवेशकों के लिए 2025 की बड़ी सलाह
HSBC ने Q3 2025 के लिए निवेशकों को चार प्रमुख सुझाव दिए हैं:
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इक्विटी में डायवर्सिफाई करें – अलग-अलग सेक्टर्स और मार्केट कैप में पैसा लगाएं।
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AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से जुड़े मौकों को भुनाएं – टेक और ऑटोमेशन सेक्टर में ग्रोथ जारी रहेगी।
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करेंसी रिस्क को मैनेज करें – डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव का ध्यान रखें।
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एशिया के घरेलू ग्रोथ स्टोरीज पर फोकस करें – भारत समेत एशियाई बाजारों में लंबी अवधि के निवेश के मौके।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था का असर, लेकिन रिसेशन का खतरा नहीं
HSBC के ग्लोबल CIO विलेम सेल्स ने कहा कि “अमेरिका में ग्रोथ धीमी होगी, लेकिन रिसेशन या स्टैगफ्लेशन (मंदी+महंगाई) का खतरा नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि शेयर बाजार में वैल्यूएशन अभी भी ठीक है, इसलिए निवेशकों को सतर्क रहते हुए मौकों का फायदा उठाना चाहिए।