मेरठ में कूड़े से ‘सोना’ बनाने की तैयारी, मंत्री के बयान पर अखिलेश यादव ने कसा जोरदार तंज

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में जल्द ही ऐसी मशीन लगने जा रही है जो कूड़े-कचरे से ‘सोना’ बना सकेगी। यह दावा राज्य के दुग्ध विकास मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने किया है। सोमवार को विकास भवन में आयोजित एक समीक्षा बैठक में मंत्री ने कहा कि “मेरठ में ऐसी तकनीक लाई जाएगी, जिससे कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण कर उपयोगी उत्पाद तैयार किए जाएंगे।”

प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नगर निकाय और अन्य विभाग तीन माह की कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि बरसात से पहले नालों की सफाई कर ली जाए, ताकि जलभराव की समस्या न हो। साथ ही गीले और सूखे कचरे का अलग-अलग निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत गांवों में शत-प्रतिशत पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने, टूटी सड़कों की मरम्मत, गोशालाओं में चारे की पर्याप्त व्यवस्था और संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए फॉगिंग व टीकाकरण अभियान तेज करने के निर्देश दिए।

अखिलेश यादव ने कसा तंज, कहा- पहले मिल्क प्लांट तो चालू करवा लें

मंत्री के “कूड़े से सोना बनाने” वाले बयान पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि, उत्तर प्रदेश के दुग्ध मंत्री से आग्रह है कि पहले कन्नौज में वर्षों से बंद पड़े काउ मिल्क प्लांट को शुरू करवा दें, जिससे किसानों को कुछ आय मिल सके। फिर कूड़े से सोना बनाने की बात करें। बीजेपी में इन दिनों दूर से फेंकने की प्रतियोगिता चल रही है।

क्या है ‘कूड़े से सोना’ योजना का मतलब?

दरअसल, मंत्री का इशारा वेस्ट मैनेजमेंट से रीसाइक्लिंग के जरिए ऊर्जा, खाद या अन्य उत्पाद बनाने की तकनीक की ओर था, जिसे उन्होंने आम भाषा में ‘कूड़े से सोना’ कहा। हालांकि उनके इस बयान ने राजनीतिक रंग ले लिया है और विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का एक और मौका मिल गया है।

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