UP News: ‘मुख्यमंत्री को साइड लाइन कर दिया…’, PM मोदी के वाराणसी दौरे को लेकर क्या बोले अखिलेश यादव?

UP News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. दरअसल, अलीगढ़ पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपाई बाबा साहब के संविधान को भी नहीं मान रहे हैं.
संविधान हमारा ढाल है, हमारा सम्मान है, हमारी पहचान है. हमें हक अधिकार दिलाता है, उस संविधान में बीजेपी समय-समय पर बदलाव कर रही है.
सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार के इशारे पर किसी को भी दोषी बनाया जा रहा है. आज प्रधानमंत्री बनारस में सीधे अधिकारियों मिले और मुलाकात करके बनारस व प्रदेश में हो रही घटनाओं की जानकारी ली. तो यह उत्तर प्रदेश के सुशासन की पोल खुल रही है.
पूर्व में बीएचयू में एक बेटी के साथ बलात्कार हुआ, उसमें आरोपी सब भाजपाई ही निकले. दिल्ली वालों को उत्तर प्रदेश सरकार धोखा दे रही है. रोजगार में सरकार आउटसोर्स की नीति इसलिए अपना रही है कि सरकार की मनमानी चल सके और जब चाहे किसी को भी निकाल दिया जाए.
मुख्यमंत्री को साइड लाइन कर दिया गया, दिल्ली वाले अधिकारियों से सीधी घटनाओं के संबंध में जानकारी ले रहे है. पूछ रहे है कि घटना में कितने दोषी पकड़े गए हैं.
इस सरकार में आंकड़े बता रहे हैं, उत्तर प्रदेश में वर्तमान समय में महिला, बेटी असुरक्षित है. भेदभाव की राजनीति हो रही है. जाति देखकर देखकर भेदभाव हो रहा है. विपक्ष को कैसे दबाया जाए.
इसका लगातार सरकार प्रयास कर रही है. अर्थव्यवस्था का खेल यह कि यह विश्व गुरु बनना चाहते थे. यह लोग अपने जुमले से बताते थे कि हम विश्व में दूसरे तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं.
बीजेपी का तानाशाही रवैया- अखिलेश यादव
सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा कि जीएसटी ने व्यापार को बर्बाद कर दिया. जो व्यापारियों को लाभ मिलना चाहिए. वह लाभ सरकार नहीं दे पा रही है.
वहीं, रामजीलाल सुमन ने जो कुछ कहा उसके बाद राज्यसभा के रिकॉर्ड से वह बात हटा दी गई. रिकॉर्ड से हटाई जाने वाली बात खत्म हो जाती है. इस समय बीजेपी का रवैया तानाशाही है. यह हिटलर की तरह कार्य करना चाह रहे हैं.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का एक्ट पढ़ लें- अखिलेश यादव
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि जो बुद्धिजीवी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मंदिर की स्थापना की बात कर रहे हैं. मैं कहना चाहता हूं कि वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का एक्ट पढ़ लें. उसके बाद ही कोई बात कहें.