UP: ग्राम विकास अधिकारी भर्ती में अब ट्रिपल-सी अनिवार्य, नई सेवा नियमावली को मिली मंजूरी

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्राम विकास अधिकारी सेवा नियमावली 2025 को मंजूरी देकर एक बड़ा बदलाव किया है। अब इस पद पर भर्ती के लिए उम्मीदवारों को इंटरमीडिएट (12वीं) के साथ-साथ ट्रिपल-सी (CCC) कंप्यूटर कोर्स पास करना जरूरी होगा। इस नई व्यवस्था का मकसद ग्राम विकास से जुड़े कार्यों में तकनीकी दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाना है।

कैबिनेट ने इस फैसले के साथ ही वर्ष 1980 की पुरानी सेवा नियमावली को समाप्त कर दिया है। अब नई नियमावली के अनुसार, ग्राम्य विकास विभाग और समाज कल्याण विभाग दोनों में ग्राम विकास अधिकारी (VDO) और सहायक विकास अधिकारी (AVDO) पदों के लिए कंप्यूटर का नीलेट (NIELIT) द्वारा जारी CCC प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा।

अब जरूरी है डिजिटल ज्ञान

पुरानी नियमावली में ग्राम विकास अधिकारी के लिए इंटरमीडिएट (विज्ञान या कृषि संकाय) की योग्यता निर्धारित थी, लेकिन अब के समय की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कंप्यूटर ज्ञान को भी शामिल कर लिया है।

नई नियमावली के तहत VDO की यह सेवा अब एक राज्य अधीनस्थ अराजपत्रित सेवा मानी जाएगी, यानी इनके एक जिले से दूसरे जिले में तबादले भी संभव होंगे।

2578 पदों पर भर्ती जल्द होगी शुरू

ग्राम विकास विभाग में VDO के कुल 8297 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 2578 पद फिलहाल रिक्त हैं। अब नई सेवा नियमावली के चलते इन पदों पर समयबद्ध तरीके से भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। इससे ग्रामीण विकास की रफ्तार को और बल मिलने की उम्मीद है।

कैबिनेट के अन्य बड़े फैसले भी हुए मंजूर

  • उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में ग्राम विकास नियमावली के अलावा कई अहम प्रस्तावों पर भी मुहर लगी:
  • यूपी सिडको (UPSIDCO) में समूह ‘ख’ के सभी पदों पर सीधी भर्ती अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से होगी।
  • गृह विभाग (पुलिस) के पुराने और निष्प्रयोज्य वाहनों की जगह 345 नए वाहन खरीदे जाने का प्रस्ताव पास किया गया।
  • उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई है।
  • चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग (मुज़फ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद) के नवनिर्माण कार्य की पुनरीक्षित प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई है। यह निर्माण गंगनहर की दांयी पटरी पर 111.490 किमी लंबाई में किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार के ये निर्णय न केवल ग्रामीण विकास की दक्षता को तकनीकी आधार देंगे, बल्कि भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देंगे। कंप्यूटर साक्षरता की अनिवार्यता एक संकेत है कि अब सरकारी नौकरियों में तकनीकी योग्यता को विशेष महत्व दिया जा रहा है।

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