गर्मी बढ़ने के साथ त्‍वचा संबंधी होती हैं कई समस्‍याएं, ऐसे करें बचाव

गर्मी बढ़ने के साथ त्‍वचा संबंधी ऐसी बहुत सारी समस्‍याएं हैं, जो शुरू हो जाती हैं। इनमें से एक अत्यंत ही कष्टदायक बीमारी है घमौरियां।

Sandesh Wahak Digital Desk: गर्मी बढ़ने के साथ त्‍वचा संबंधी ऐसी बहुत सारी समस्‍याएं हैं, जो शुरू हो जाती हैं। इनमें से एक अत्यंत ही कष्टदायक बीमारी है घमौरियां। आइए जानते हैं क्‍यों होती हैं घमौरियां और इनसे कैसे बचा सकता है? अपने शरीर को ठंडा करने का एक तरीका है पसीना। पसीने का निर्माण पसीने की ग्रंथियों में होता है जो पूरे शरीर को रेखाबद्ध करती हैं। पसीने की ग्रंथियां त्वचा की गहरी परत में स्थित होती हैं और मस्तिष्क में तापमान नियंत्रण केंद्रों द्वारा नियंत्रित होती हैं। ग्रंथि से पसीना एक वाहिनी द्वारा त्वचा की सतह तक जाता है।

घमौरियां तब होती हैं जब पसीने की नलिकाएं बंद हो जाती हैं और पसीना त्वचा की सतह तक नहीं पहुंच पाता है। इसके बजाय, ये त्वचा की सतह के नीचे फंस जाता है, जिससे हल्की सूजन या दाने हो जाते हैं और साथ में जलन एवं खुजलाहट भी होती है। घमौरियां त्वचा की एक ऐसी स्थिति है जो अक्सर बच्चों और वयस्कों को गर्म, आर्द्र मौसम की स्थिति में तब प्रभावित करती है, जब हमारे शरीर के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और पसीना नहीं निकल पाता है, जिससे अक्सर घमौरियां हो जाती हैं।

घमौरियों के दाने छोटे फफोले के साथ लाल त्वचा के रूप में प्रकट होते हैं और सूजन के कारण होते हैं। ये अक्सर त्वचा की सिलवटों या तंग कपड़ों के क्षेत्रों में होता है, जहां हवा का संचार नहीं हो पाता। इन जगहों पर क्रीम या लोशन लगाने से पसीने की नलिकाएं बंद हो जाती हैं।

घमौरियों से बचाव कैसे किया जा सकता है?

जब त्वचा को ठंडा होने दिया जाता है, तो घमौरियां आमतौर पर ठीक हो जाती हैं, परंतु यदि त्वचा में संक्रमण ज्यादा हो जाता है तो चिकित्सकीय परामर्श अति आवश्यक है।

ठंडे पानी से स्नान करें- त्वचा के ठंडा होने के बाद आमतौर पर घमौरियां कम हो जाती हैं। ठंडे पानी से स्नान करने पर काफी आराम मिल सकता है।त्वचा को आराम से धोने से रोम छिद्र भी खुलते हैं जो बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि भरा हुआ छिद्र गर्मी के दाने को और परेशान कर सकता है। यदि गर्मी ज्यादा है तो दिन में दो बार स्नान करें। सुनिश्चित करें कि नहाने के बाद अपनी त्वचा को ठीक से सुखाएं। गीली त्वचा में जलन हो सकती है।

पंखे का इस्तेमाल करें- गर्म दिनों में त्वचा को ठंडा रखना महत्वपूर्ण होता है। वायु परिसंचरण (पंखे के साथ या अन्य तरीकों से) आमतौर पर त्वचा को ठंडा करने में मदद करता है। ध्यान दें कि इस मौसम में अपने शिशुओं को बहुत कसकर न बांधें। उनके कपड़े ढीले ढाले रखें ताकि त्वचा तक हवा पहुंच सके। वैसे तो शरीर के सभी हिस्सों को गर्मी के मौसम में ताजी हवा के संपर्क में लाना जरूरी है। अपने शरीर के दाने को सूखने और ठंडा रहने देने के लिए वेंटिलेशन महत्वपूर्ण है। वातानुकूलित कमरे में रहें या पंखे का प्रयोग करें।

अंदरूनी हिस्‍सों की भी करें विशेष देखभाल- शरीर के वे हिस्‍से, जहां तक हवा नहीं पहुंच पाती उनकी आपको विशेष देखभाल करनी होगी। जैसे अंडर आर्म्‍स, इनर थाइज, पीठ का हिस्‍सा। जरूरी है क‍ि अच्‍छी तरह साफ करने और सुखाने के बाद इन हिस्‍सों पर अपने चिकित्सक से सलाह लेकर टेलकम पाउडर छिड़कें।

चिकित्सकीय परामर्श कब आवश्यक है?

त्वचा के ठंडा होने पर दाने अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी पसीने की ग्रंथियां संक्रमित हो सकती हैं। तब दर्द, सूजन में वृद्धि और त्वचा लाल होने लगती है। ये संक्रमण इसलिए होता है, क्योंकि बैक्टीरिया (Bacteria) ने पसीने की ग्रंथि को अवरुद्ध कर रखा होता है। अगर घरेलू उपचार से भी दाने ठीक नहीं हो रहे हैं, तो अपनी घमौरियों के लिए चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

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