Bareilly: आंवला सीएचसी में डॉक्टर नदारद, फार्मासिस्ट चला रहे हैं ओपीडी

Sandesh Wahak Digital Desk: एक ओर केंद्र और राज्य सरकारें सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दावे करती हैं, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत उन दावों की पोल खोलती नजर आ रही है। दरअसल बरेली जिले की सबसे बड़ी तहसील आंवला स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) इसकी एक बानगी है, जहां मरीज इलाज के लिए आते तो हैं, लेकिन डॉक्टरों की गैरमौजूदगी में उन्हें सिर्फ मायूसी हाथ लगती है।
हालांकि सीएचसी में कागजों पर दो डॉक्टरों की नियुक्ति दर्शाई गई है, जबकि असल में वहां सिर्फ फार्मासिस्ट ही ओपीडी संभालते नजर आते हैं। चिकित्सा अधीक्षक को यहां का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, लेकिन वे महीने में महज़ एक या दो बार ही दौरा करते हैं। स्थानीय सूत्रों की मानें तो यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन विभागीय अधिकारी भी आंख मूंदे बैठे हैं।
सीएचसी में कार्यरत फार्मासिस्ट रमेश बाबू शर्मा बताते हैं कि अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 400 से 450 मरीज ओपीडी में आते हैं। डॉक्टरों की अनुपस्थिति में तीन फार्मासिस्ट ही मरीजों को देखते हैं और उन्हें प्राथमिक सलाह देते हैं।
एक स्थानीय निवासी ने बताया यहां इलाज करवाना मतलब भगवान भरोसे होना है। डॉक्टर महीने में एक-दो बार झलक दिखा जाते हैं, बाकी समय तो फार्मासिस्ट ही मरीजों का सहारा हैं। सरकारें सुविधाएं देने की बात करती हैं, लेकिन हम जमीनी लोग जानते हैं कि सच्चाई क्या है।
गौरतलब है कि सीएचसी जैसी स्वास्थ्य इकाइयाँ ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में लोगों की प्राथमिक चिकित्सा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बनाई जाती हैं, लेकिन जब यहां चिकित्सक ही नहीं होंगे, तो स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
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