महाराष्ट्र भाषा विवाद: बाबा रामदेव बोले- हर भाषा है गौरव की पहचान, विभाजन नहीं एकता का बनें हिस्सा

Sandesh Wahak Digital Desk: महाराष्ट्र में इन दिनों मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर योग गुरु बाबा रामदेव का संयमित और संतुलित बयान सामने आया है। उन्होंने साफ कहा है कि देश में बोली जाने वाली सभी भाषाएं सम्मान और गौरव का प्रतीक हैं और इनका समान रूप से आदर किया जाना चाहिए।
बाबा रामदेव ने कहा कि, भाषा, जाति, धर्म, लिंग या समुदाय के आधार पर देश को बांटने की कोशिशें राष्ट्र की अखंडता और हिंदू एकता को कमजोर करती हैं। हमें हर भाषा और बोलियों को दिल से स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि ये हमारी संस्कृति की विविधता और एकता का प्रतीक हैं।
गोपाल खेमका हत्याकांड पर भी जताई चिंता
बाबा रामदेव ने हाल ही में बिहार की राजधानी पटना में हुए प्रख्यात कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि, हर व्यक्ति को सुरक्षा और न्याय देना शासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। जब कोई नागरिक अपने ही देश में सुरक्षित महसूस न करे, तो यह चिंताजनक स्थिति है। योग गुरु ने यह भी जोड़ा कि हर नागरिक को बिना डर के, स्वतंत्र रूप से कहीं भी आने-जाने और रहने का अधिकार मिलना चाहिए। इसके लिए सरकारों को ऐसा वातावरण बनाना चाहिए, जो नागरिकों को सुरक्षा का भरोसा दिला सके।
कांवड़ यात्रा को लेकर मुस्लिम समुदाय और श्रद्धालुओं से की अपील
सावन माह में चल रही कांवड़ यात्रा पर बाबा रामदेव ने शांति और सौहार्द की अपील की। उन्होंने विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के उन लोगों से आग्रह किया, जो शिव भक्तों की सेवा कर रहे हैं, अगर आप सेवा कर रहे हैं, तो अपनी पहचान छुपाने की कोई जरूरत नहीं है। सेवा का धर्म सबसे बड़ा होता है। उन्होंने शिवभक्तों को भी संदेश देते हुए कहा, यात्रा श्रद्धा की होती है, इसमें हिंसा, विवाद या नशा का कोई स्थान नहीं है। नशे से दूर रहकर संयमित आचरण ही सच्ची भक्ति की पहचान है।
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