सीतापुर पत्रकार हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा, मंदिर का बाबा निकला मास्टरमाइंड, अवैध संबंध का था राज

Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर 8 मार्च को दिनदहाड़े पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या के मामले में सीतापुर पुलिस ने 34 दिन बाद सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड एक बाबा निकला, जो भेष बदलकर महोली कोतवाली क्षेत्र के कारेदेव मंदिर में रह रहा था।
क्या था मामला?
पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की गोली मारकर हत्या थाना इमलिया सुल्तानपुर क्षेत्र के हेमपुर रेलवे ओवरब्रिज पर की गई थी। हत्या के बाद यह मामला लगातार चर्चा में रहा और एसटीएफ के साथ सीतापुर पुलिस की 12 टीमें इसकी जांच में जुटी रहीं। जांच के दौरान सीन रीक्रिएशन तक कराया गया।
बाबा शिवानंद बना हत्याकांड का सूत्रधार
पुलिस ने खुलासा किया कि हत्या की सुपारी मंदिर में रहने वाले बाबा शिवानंद उर्फ विकास राठौर उर्फ विकास मिश्रा (निवासी आहाता कप्तान, हबीबपुर, थाना रामकोट) ने दी थी। पुलिस के अनुसार, बाबा के एक नाबालिग लड़के से अवैध संबंध थे, जिसे पत्रकार ने देख लिया था। पत्रकार ने इस बात को उजागर करने की धमकी दी, जिससे घबराकर बाबा ने पत्रकार की हत्या की योजना बना डाली।
4 लाख में दी थी सुपारी
बाबा ने पत्रकार की हत्या के लिए 4 लाख रुपये में सुपारी दी थी। हत्या की साजिश में शामिल दो बिचौलियों – निर्मल सिंह (निवासी नया गांव, थाना इमलिया सुल्तानपुर) और असलम गाजी (निवासी हरिकिशनपुर, थाना इमलिया सुल्तानपुर) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से क्रमशः 17 हजार और 15 हजार रुपये नकद, साथ ही मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
हालांकि, हत्या को अंजाम देने वाले शूटर अब भी फरार हैं। पुलिस ने उनकी पहचान कर ली है और जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद जताई है। बताया जा रहा है कि ये शूटर सीतापुर के रहने वाले और आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं।
15 अलग-अलग एंगल से हुई जांच
पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र के मुताबिक, इस हत्याकांड के पीछे कई पेचीदा पहलू थे, जिससे जांच में देरी हुई। कुल 15 एंगल से जांच की गई, तब जाकर पुलिस किसी नतीजे पर पहुंच सकी। फिलहाल, पुलिस के पास आरोपियों से जुड़े पुख्ता साक्ष्य और लोकेशन की जानकारी है।
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