समाज में आज भी जात-पात की गहरी भावना मौजूद है: चिराग पासवान
Sandesh Wahak Digital Desk: हरियाणा में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी वाई पूरन कुमार की खुदकुशी का मामला अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर मंगलवार को राजनीतिक नेताओं का जमावड़ा देखने को मिला। पहले कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पूरन कुमार के परिजनों से मिले और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। इसके बाद केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) भी शोक संतप्त परिवार से मिलने पहुंचे।
समाज में अब भी जिंदा है जात-पात की भावना
यहां चिराग पासवान ने कहा, मैंने आईपीएस अफसर की पत्नी अमनीत पी. कुमार से मुलाकात की और उन्हें पूरी सरकार की ओर से श्रद्धांजलि दी। उन्होंने दवा कजिया कि, यह घटना दिखाती है कि समाज में आज भी जात-पात की गहरी भावना मौजूद है। उन्होंने कहा कि हम चांद पर पहुंच गए हैं, वैश्विक स्तर पर भारत का नाम हो रहा है, लेकिन दूसरी ओर एक दलित अधिकारी को इस हद तक प्रताड़ित किया गया कि वह खुदकुशी करने को मजबूर हो गया।

दोषियों पर कार्रवाई का दिलाया भरोसा
वहीं परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा देते हुए चिराग पासवान ने कहा, मैं यहां किसी मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य के रूप में आया हूं। भारत सरकार की ओर से यह विश्वास दिलाने आया हूं कि परिवार की हर मांग पूरी की जाएगी। अगर इस परिवार को न्याय नहीं मिला, तो कोई गरीब दलित परिवार अपने बच्चे को आईएएस या आईपीएस बनने के लिए प्रेरित नहीं करेगा।
उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की ओर से मैं यह भरोसा दिलाता हूं कि परिवार को इंसाफ जरूर मिलेगा। दोषी कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मैंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से भी इस मामले पर बात की है।
जांच और न्याय की मांग तेज
गौरतलब है कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार पिछले सप्ताह चंडीगढ़ स्थित अपने घर पर मृत पाए गए थे। उनकी पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने अपने पति की मौत के लिए कई अन्य अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इन आरोपों की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
वहीं राहुल गांधी और चिराग पासवान की मुलाकातों के बाद अब यह मामला राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर चर्चा का विषय बन गया है। विपक्ष जहां सरकार पर भेदभाव और निष्क्रियता का आरोप लगा रहा है, वहीं केंद्र सरकार ने परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
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