71 निजी ITI संस्थानों मेें हुआ 23 करोड़ का घोटाला, सम्बंधित विभाग ने दर्ज कराया मुकदमा

अभी हाईजिया इंस्टीट्यूट के एक अरब के शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले का प्रकरण ठंडा भी नहीं हो पाया है कि प्रदेश में एक और बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है।

Sandesh Wahak Digital Desk: अभी हाईजिया इंस्टीट्यूट के एक अरब के शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले का प्रकरण ठंडा भी नहीं हो पाया है कि प्रदेश में एक और बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। यह घोटाला प्रदेश की 71 निजी आईटीआई ने किया है। समाज कल्याण निदेशालय की जांच के मुताबिक इन सभी आईटीआई ने वर्ष 2015-2020 के बीच करीब 23 करोड़ रुपए का छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूृर्ति घोटाला किया है। विभाग ने सभी आईटीआई के खिलाफ मथुरा में मुकदमा दर्ज कराया है।

समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रदेश के मथुरा जिले में निजी आईटीआई द्वारा छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति में फर्जीवाड़ा होने की शिकायत प्राप्त हुई। इसके बाद समाज कल्याण निदेशालय ने अपने स्तर से एक जांच समिति गठित की। उसकी जांच में मथुरा की 71 निजी आईटीआई संस्थाओं द्वारा 22.99 करोड़ रुपए का छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले होने खुलासा हुआ है। इसके बाद निदेशालय ने जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। और उनके खिलाफ मथुरा के सदर थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है।

ऑनलाइन रिकॉर्ड खंगालने पर पकड़ा गया घोटाला

निदेशालय की जांच समिति ने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए सभी 71 निजी आईटीआई संस्थानों (ITI institutes) की स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही उनके ऑनलाइन दस्तावेजों और डाटा को खंगाला तो घोटाले की परत दर परत खुलती चली गई। जांच टीम ने शिक्षण संस्थानों के मास्टर डाटाबेस को लेकर नेशनल काउन्सिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग से सभी 195 शिक्षण संस्थानों के मान्यता की प्रतियां प्राप्त की। फिर कोर्सवार स्वीकृत सीटों की पड़ताल की। इसके बाद पकड़ में आया कि इन संस्थानों ने स्वीकृत सीट से अधिक विद्यार्थियों को दिखाया है। साथ ही डुप्लीकेट विद्यार्थियों को परीक्षा देना दर्शाया है। और जो विद्यार्थी परीक्षा में नहीं बैठे उन्हें भी छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ दे दिया।

58 शिक्षण संस्थानों को डाला गया काली सूची में

समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण नें बताया कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा, कानपुर नगर कर रहा है। इसी मामले में मथुरा के ही 13 अन्य शिक्षण संस्थानों ने निदेशालय के कूटरचित अभिलेख तैयार करके हाईकोर्ट में अनुचित लाभ प्राप्त करने के उददेश्य से रिट याचिका योजित की गयी थी। जांच में यह सभी 13 शिक्षण संस्थान दोषी पाये जाने पर इनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज करायी गयी है।

मंत्री ने बताया कि समाज कल्याण विभाग की ओर से गठित की गई जांच समिति ने सभी पक्षों की जांच करने के बाद 30 मई को 45 निजी आईटीआई व 13 कूटरचित अभिलेख प्रयोग करने वाले शिक्षण संस्थानों सहित कुल 58 शिक्षण संस्थाओं को काली सूची डाल दिया गया है। इन सभी से दी गई धनराशि वसूल करने के निर्देश दिए गए हैं।

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