लखनऊ पुलिस ने किया बड़े साइबर गिरोह का भंडाफोड़, 15 जालसाज गिरफ्तार

Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत थाना पीजीआई और साइबर क्राइम टीम ने एक बड़े अंतरराज्यीय ऑनलाइन ठगी और जुए के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 15 शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी “अन्ना रेड्डी” नामक फर्जी एप और लिंक के ज़रिए देशभर के सैकड़ों लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुके थे।

ऑनलाइन जुए और निवेश का झांसा देकर करते थे साइबर फ्रॉड

पुलिस के अनुसार, ये जालसाज निवेश के नाम पर लोगों को लालच देते थे, और उनसे विभिन्न बैंक खातों में पैसे जमा करवाते थे। एक बार रकम जमा हो जाने के बाद, वे पीड़ितों के बैंक खाते ब्लॉक कर देते थे। लेनदेन को छिपाने के लिए कई फर्जी खातों, सिम कार्ड्स और डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता था।

गिरफ्तारी ऐसे हुई

11 जून 2025 को साइबर क्राइम थाना, साइबर सेल और थाना पीजीआई की टीम को गुप्त सूचना मिली कि लखनऊ के शामिया मेल रोड स्थित A टॉवर के फ्लैट नंबर 1105 में 15-20 संदिग्ध लोग ठहरे हुए हैं। पुलिस ने तुरंत फ्लैट पर छापा मारा और मौके से 15 जालसाजों को गिरफ्तार किया।

जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

पुलिस को फ्लैट के भीतर एक तरह का मिनी साइबर ऑपरेशन सेंटर मिला, जहां कुर्सियों, टेबल्स, लैपटॉप, मोबाइल, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पासबुक, चेकबुक आदि का जखीरा मौजूद था। सभी आरोपी इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए देशभर के लोगों को निशाना बनाते थे। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे “अन्ना रेड्डी” नामक एप के जरिए लोगों को झांसे में लेकर पैसे ऐंठते थे और फर्जी खातों में ट्रांसफर करके निकाल लेते थे। साथ ही, ऑनलाइन सट्टेबाजी से भी भारी मुनाफा कमाते थे।

बरामद हुई सामग्री

  • 70 मोबाइल फोन
  • 11 लैपटॉप
  • 9 लैपटॉप चार्जर
  • 16 मोबाइल चार्जर
  • 115 एटीएम/डेबिट कार्ड
  • 25 चेक बुक
  • 53 पासबुक
  • 38 खुले सिम कार्ड
  • 26 पैक्ड सिम कार्ड
  • 9 पैन कार्ड
  • 1 वाई-फाई कैमरा

गिरफ्तार आरोपी कौन हैं?

पकड़े गए 15 अभियुक्तों में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के रहने वाले युवा शामिल हैं, जिनकी उम्र 19 से 29 वर्ष के बीच है। इनकी पहचान इस प्रकार है:

  • हरिप्रीत सिंह (लखीमपुर, यूपी)
  • अभिषेक कुमार (सिवान, बिहार)
  • आशीष कुमार (सिवान, बिहार)
  • मन्नू कुमार (सिवान, बिहार)
  • रितेश सिंह (सिवान, बिहार)
  • संदीप कुमार (देवरिया, यूपी)
  • इफ्तेखार अली (सिवान, बिहार)
  • शुभम सोनी (सिवान, बिहार)
  • मनीष कुमार (भोपाल, एमपी)
  • सोनू अली (सिवान, बिहार)
  • रवि सिंह (छपरा, बिहार)
  • करन कुमार (सिवान, बिहार)
  • विकास कुमार (सिवान, बिहार)
  • रितेश सिंह (गोपालगंज, बिहार)
  • संजीव कुमार (सिवान, बिहार)

इन सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 317(2), 318(4), 61(2), 111(2)(ii) बीएनएस, और आईटी एक्ट की धारा 66C, 66D के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।

गिरोह का मॉडस ऑपरेंडी (काम करने का तरीका)

  • फर्जी निवेश स्कीम: लोगों को “अन्ना रेड्डी” एप के जरिए निवेश का झांसा दिया जाता था।
  • मल्टी लेयर मनी ट्रांसफर: ठगी के पैसे को कई खातों में घुमाकर निकाला जाता था।
  • डिजिटल सट्टेबाजी: ऐप्स के माध्यम से ऑनलाइन जुए की भी व्यवस्था थी।
  • सबूत मिटाना और ठिकाना बदलना: पुलिस से बचने के लिए सिम, मोबाइल और लोकेशन बदलते रहते थे।

पुलिस टीम की अहम भूमिका

थाना पीजीआई और साइबर क्राइम सेल, हजरतगंज की संयुक्त टीम ने मिलकर यह कार्रवाई की। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। पुलिस को आरोपियों की ट्रैवेल हिस्ट्री से पता चला है कि गिरोह को विदेशों विशेष रूप से श्रीलंका और सिंगापुर से संचालित किया जा रहा था। आगे की जांच इसी दिशा में की जा रही है।

पुलिस की अपील

अनजान लिंक, वेबसाइट या एप पर क्लिक न करें। “अन्ना रेड्डी” जैसे फर्जी प्लेटफॉर्म से सावधान रहें। किसी भी साइबर फ्रॉड की शिकायत तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर या cybercrime.gov.in पर करें।

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