Health Tips: तनाव से राहत और रीढ़ को मजबूती देता है शशांकासन, जानिए सही तरीका और फायदे

Health Tips: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव और शारीरिक थकान आम हो गई है। ऐसे में योग न सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को भी शांत करता है। इसी कड़ी में एक खास योगासन है शशांकासन, जिसे खरगोश मुद्रा भी कहा जाता है। यह आसन तनाव को कम करने, रीढ़ की लचीलता बढ़ाने और मानसिक शांति पाने में बेहद असरदार माना जाता है।
क्या है शशांकासन
शशांकासन एक सरल और प्रभावी योग मुद्रा है, जिसे कोई भी व्यक्ति चाहे वह योग में नया हो या अनुभवी आसानी से कर सकता है। इस आसन में शरीर की आकृति बिल्कुल खरगोश जैसी बन जाती है, इसलिए इसे खरगोश मुद्रा कहा जाता है।
शशांकासन करने का तरीका
सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं। घुटनों को मोड़ें और नितंबों को एड़ियों पर टिकाएं। रीढ़ सीधी रखें और दोनों हाथ घुटनों पर रखें। कंधों को ढीला छोड़ें। अब गहरी सांस लें और दोनों हाथ सिर के ऊपर उठाएं। हथेलियां आमने-सामने हों। धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाएं और माथे को ज़मीन से छूने की कोशिश करें। इस दौरान हाथों को आगे फैलाएं, हथेलियां ज़मीन की तरफ हों। पेट जांघों से सटा होना चाहिए और नितंब एड़ियों से जुड़े रहें। इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और धीरे-धीरे सामान्य सांस लेते रहें। वापस आने के लिए गहरी सांस लेते हुए शरीर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और फिर वज्रासन में आ जाएं। इसे 2-3 बार दोहराया जा सकता है, लेकिन शरीर की सहजता को ध्यान में रखते हुए।
शशांकासन के फायदे
रीढ़ को मजबूत और लचीला बनाता है, जिससे पीठ दर्द में आराम मिलता है। तनाव और चिंता को दूर करता है, माथे के ज़मीन से छूने पर मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ता है। पाचन में सुधार होता है। पेट पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं। ध्यान और एकाग्रता को बढ़ावा देता है। घुटनों और टखनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह आसन पिट्यूटरी और पाइनियल ग्रंथियों को सक्रिय करता है, जिससे हार्मोनल संतुलन बेहतर होता है।
कब न करें शशांकासन
गर्भवती महिलाएं इस आसन से परहेज करें।
घुटनों या पीठ में दर्द हो तो बिना विशेषज्ञ की सलाह के न करें।
हाई ब्लड प्रेशर या चक्कर आने की समस्या हो तो सावधानी बरतें।
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