Patanjali Ayurved पर केंद्र सरकार की सख्त नजर, संदिग्ध लेन-देन की जांच

Sandesh Wahak Digital Desk : केंद्र सरकार ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद से उन वित्तीय लेन-देन का ब्यौरा मांगा है, जिन्हें आर्थिक खुफिया एजेंसियों ने संदिग्ध और असामान्य बताया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी को नोटिस भेजकर संभावित फंड डायवर्जन और कॉरपोरेट गवर्नेंस नियमों के उल्लंघन की जांच शुरू की है।
हालांकि, अभी जांच शुरुआती चरण में है और संदिग्ध लेन-देन की सही रकम सामने नहीं आई है। पतंजलि को मंत्रालय को जवाब देने के लिए दो महीने का समय दिया गया है।
पतंजलि पर नियामकीय दबाव बढ़ा
पिछले कुछ समय से पतंजलि आयुर्वेद पर नियामकीय जांच का दबाव लगातार बढ़ रहा है। पिछले साल कंपनी की एक इकाई पर टैक्स नियमों का उल्लंघन और गलत रिफंड दावा करने के आरोप लगे थे। इसके अलावा, कंपनी भ्रामक विज्ञापनों को लेकर भी विवादों में घिरी रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के उन उत्पादों के प्रचार पर रोक लगा दी थी, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा करते थे। कोर्ट ने इसे ‘ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954’ का उल्लंघन माना था।
केरल ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने फरवरी 2025 में बताया था कि राज्य की अदालतों में रामदेव और पतंजलि के खिलाफ इस कानून के तहत 26 मामले चल रहे हैं। साथ ही कई अखबारों पर भी ऐसे विवादास्पद विज्ञापन छापने के लिए कानूनी कार्रवाई हो रही है।
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