बच्चे का स्तनपान छुड़वाने के लिए अपनाएं ये आसान और असरदार तरीके

Health tips: माँ का दूध नवजात शिशु के लिए पहला और सबसे ज़रूरी पोषण होता है। यह न केवल बच्चे की सेहत और विकास के लिए अहम होता है, बल्कि इससे माँ और बच्चे के बीच का भावनात्मक रिश्ता भी गहरा होता है। जन्म के बाद लगभग छह से नौ महीने तक केवल माँ का दूध ही बच्चे के लिए पर्याप्त होता है। लेकिन जब बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाता है, तो उसे ठोस आहार की ओर बढ़ाना ज़रूरी हो जाता है, और इसके लिए स्तनपान छुड़ाना पहला कदम होता है। यह प्रक्रिया आसान नहीं होती, लेकिन सही तरीके अपनाकर इसे सहज बनाया जा सकता है।
यहां हम आपको कुछ आसान और कारगर तरीके बता रहे हैं, जिनसे आप धीरे-धीरे और बिना किसी मानसिक दबाव के अपने बच्चे को स्तनपान से छुड़ा सकती हैं।
बच्चे को थोड़ा दूर सुलाएं
माँ के साथ सोना बच्चे को बहुत सुकून देता है, लेकिन जब आप स्तनपान छुड़ाने की शुरुआत कर रही हों, तो थोड़ा फासला रखना फायदेमंद होता है। आप चाहें तो बच्चे के पास ही अलग बिस्तर पर सो सकती हैं। इससे बच्चा रात में दूध की ज़िद नहीं करेगा।
ब्रेस्ट से ध्यान हटाएं
हर बार जब बच्चा ब्रेस्ट पकड़ता है, उसका मतलब ये नहीं कि वह भूखा है। कई बार वह सिर्फ माँ के पास रहकर आराम महसूस करना चाहता है। ऐसे में आप उसे प्यार और सुकून देने के लिए गोद में लेकर भी आराम दे सकती हैं, ब्रेस्टफीडिंग के बिना।
स्तनों पर दबाव न डालें
बच्चे के दूध छुड़ाने के समय आप खुद भी थोड़ा ध्यान रखें। पीठ के बल सोने की कोशिश करें और ब्रेस्ट पर ज्यादा दबाव न आने दें। इससे दूध बनना धीरे-धीरे कम हो जाता है, जिससे बच्चा भी स्वाभाविक रूप से दूध छोड़ देता है।
धीरे-धीरे फीडिंग कम करें
हर बच्चे का एक तय समय होता है जब वह सबसे ज़्यादा दूध पीता है। शुरुआत में सिर्फ उन्हीं खास समयों पर दूध पिलाएं और बाकी समय बच्चे को किसी अन्य गतिविधि में व्यस्त रखें। इससे उसका ध्यान बंटेगा और दूध की आदत धीरे-धीरे छूटेगी।
सिर्फ मांग पर दूध दें
अगर आप अब भी हर बार रोने या परेशान होने पर दूध पिलाती हैं, तो यह आदत टूटना मुश्किल होगा। अब से केवल तब ही स्तनपान कराएं जब बच्चा साफ़ तौर पर इसकी ज़रूरत बताए या ज़्यादा रोए। इससे एक तय समय बन जाएगा और धीरे-धीरे आदत छूटने लगेगी।
पैसिफायर और फॉर्मूला मिल्क अपनाएं
पैसिफायर बच्चों को चूसने की आदत को पूरा करने का एक अच्छा विकल्प है। इसके साथ-साथ आप फॉर्मूला मिल्क भी शुरू कर सकती हैं, जिससे बच्चे को ज़रूरी पोषण मिलेगा। शुरुआत में दिन में एक बार स्तनपान और दूसरी बार बोतल या कप से दूध पिलाएं। फॉर्मूला मिल्क थोड़ा भारी होता है, जिससे बच्चे का पेट लंबे समय तक भरा रहता है।
नोट: हर बच्चा अलग होता है, इसलिए किसी भी तरीके को अपनाने से पहले धैर्य रखें और धीरे-धीरे बदलाव करें। माँ और बच्चे के बीच का रिश्ता बहुत खास होता है, इसलिए प्यार और समझदारी से ही यह बदलाव संभव है।
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