अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन की निर्वासन नीति पर लगाई रोक

वॉशिंगटन: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसले में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस फैसले पर रोक बरकरार रखी, जिसके तहत वेनेजुएला के प्रवासियों को 1798 के युद्धकालीन कानून के तहत निर्वासित किया जा रहा था। कोर्ट ने कहा कि प्रवासियों को पर्याप्त न्यायिक प्रक्रिया का अवसर नहीं दिया गया, जो कानून का उल्लंघन है। अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) की ओर से प्रवासियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों की याचिका पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन की ओर से प्रवासियों को बिना उचित नोटिस या सुनवाई का मौका दिए जबरन वापस भेजने की योजना पर रोक लगा दी।
कोर्ट ने अपने संक्षिप्त लेकिन सख्त फैसले में कहा कि ऐसी स्थिति में जब निर्वासन से 24 घंटे पहले केवल एक साधारण सूचना दी जाए और यह भी न बताया जाए कि कानूनी अधिकार कैसे इस्तेमाल किए जाएं, तो यह प्रक्रिया उचित नहीं मानी जा सकती। हालांकि, जस्टिस सैमुअल एलिटो और जस्टिस क्लेरेंस थॉमस ने इस फैसले पर असहमति जताई। एलिटो ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस स्तर पर हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और संदेह जताया कि क्या पूरे समूह को राहत देना कानूनी रूप से सही है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासन अन्य वैध आप्रवासन कानूनों के तहत निर्वासन की प्रक्रिया आगे बढ़ा सकता है। लेकिन Alien Enemies Act के तहत की जा रही कार्रवाई को फिलहाल उचित कानूनी प्रक्रिया के बिना रोका गया है। यह मामला उस समय फिर सुर्खियों में आया जब अप्रैल में अदालत ने टेक्सास के Bluebonnet डिटेंशन सेंटर में रखे गए दर्जनों वेनेजुएलावासी प्रवासियों के निर्वासन पर अस्थायी रोक लगाई थी। प्रवासियों के वकीलों ने कहा कि प्रशासन ने इन लोगों को एल साल्वाडोर की जेलों में भेजने से पहले अदालत में अपील करने का कोई मौका नहीं दिया, जबकि कोर्ट पहले ही कह चुका था कि बिना उचित प्रक्रिया के ऐसा नहीं किया जा सकता।
इस साल अप्रैल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि यदि Alien Enemies Act के तहत निर्वासन किया जा रहा है, तो प्रवासियों को उचित समय के भीतर और उचित तरीके से” जानकारी देना जरूरी है ताकि वे अपनी कानूनी चुनौती पेश कर सकें। डोनाल्ड ट्रंप की यह नीति उनके जनवरी में राष्ट्रपति पद पर वापसी के बाद अपनाई गई आक्रामक आप्रवासन रणनीति का हिस्सा है। यह दूसरी बार है जब ट्रंप प्रशासन की वेनेजुएलावासी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुंची है, और अदालत ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि संवैधानिक प्रक्रिया से समझौता नहीं किया जा सकता।
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